Cinderella Story In Hindi : बहुत समय पहले की बात है. एक राज्य में एक व्यापारी रहता था. उसकी ‘एला’ नाम की बहुत ही सुंदर और प्यारी बच्ची थी. एला की माँ नहीं थी. वह उसके बचपन में ही गुजर चुकी थी. अपनी माँ को याद कर एला रोज़ रोया करती थी.
एला के पिता व्यापार के सिलसिले में अक्सर यात्रा करते रहते थे. इसलिए एला की देखभाल और उसकी माँ की कमी को पूरा करने के लिए उन्होंने एक विधवा औरत से दूसरी शादी कर ली. उस औरत की पहले से ही दो बेटियां थी. एला अपनी नई माँ और बहनों से बहुत प्यार करती थी. लेकिन उसकी सौतेली माँ और बहनें बहुत दुष्ट थी. वे हर समय एला को परेशान करने के उपाय सोचती रहती थी.

Cinderella and Prince 1-26-09 IMG_6555 flickr photo by stevendepolo shared under a Creative Commons (BY) license
एक बार एला के पिता व्यापार के सिलसिले में राज्य से बाहर गए और फिर कभी वापस नहीं लौटे. उनकी मौत के बाद एला बिल्कुल अकेली हो गई. इधर उसकी सौतेली माँ घर की मालकिन बन बैठी. वो और उसकी दोनों बेटियाँ एला पर ज़ुल्म ढाने लगी. वे उससे घर का पूरा काम करवाती और खुद दिन भर आराम करती रहती. कभी राजकुमारियों के तरह रहने वाली एला को अब उनके पुराने कपड़े और जूते पहनने पड़ते. अपने ही घर में वह नौकरानी बन गई थी.
दिन भर काम करने के बाद जब एला थक जाती, तो अंगीठी के किनारे ही सो जाती. सुबह जब वह उठती, तो उसके ऊपर अंगीठी की राख (सिंडर) पड़ी हुई होते. इस कारण उसकी दोनों बहनें उसे सिंडर-एला के नाम से चिढ़ाती. धीरे-धीरे उसका नाम ‘सिन्ड्रेला’ पड़ गया.
सिन्ड्रेला अपना पूरा समय घर का काम करने में बिताती. जो समय मिलता उसमें दो चूहों और एक नन्ही चिड़िया के साथ खेलती. वही उसके दोस्त थे.
एक बार राज्य में एलान किया गया कि राजमहल में एक बहुत बड़े जलसे का आयोजन किया जा रहा है. उस जलसे में राज्य की सभी लड़कियों को आमंत्रित किया गया. राज्य का राजकुमार वहाँ आई लड़कियों में से ही अपनी राजकुमारी चुनने वाला था.
⇔आप पढ़ रहे हैं Cinderella Story In Hindi ⇔
एलान सुनने के बाद राज्य की सभी लडकियाँ राजकुमार से शादी के सपने देखने लगी. सिन्ड्रेला की दोनों बहनें भी जलसे में जाने के लिए बहुत उत्साहित थी. सिन्ड्रेला भी राजमहल और वहाँ का जलसा देखने लालायित थी.
लेकिन उसकी सौतेली माँ नहीं चाहती थी कि सिन्ड्रेला वहाँ जाये क्योंकि फटे-पुराने कपड़ों में भी सिन्ड्रेला बहुत सुंदर लगती थी और उसकी दोनों बेटियाँ सुंदर कपड़ों में भी बदसूरत. उसे डर था कि कहीं राजकुमार सिन्ड्रेला को पसंद न कर ले. इसलिए उसने सिन्ड्रेला को जलसे में जाने की इज़ाज़त नहीं दी और ढेर सारा काम देकर घर पर ही रुकने को कहा.
सिन्ड्रेला उदास होकर घर का काम करने लगी. उधर उसकी दोनों बहनें नए कपड़ों में तैयार होकर अपनी माँ के साथ जलसे में चली गई. घर का काम ख़त्म करने के बाद सिन्ड्रेला अंगीठी के पास बैठ गई और जलसे के बारे में सोचने लगी. उसके दोस्त चूहे और नन्ही चिड़िया उसके पास ही खेल रहे थे. उन्होंने उसे हँसाने की बहुत कोशिश की, लेकिन सिन्ड्रेला का उदास मन हँस न सका.
अचानक ही सिंड्रेला की आँखें तेज रोशनी से चौंधिया गई. रौशनी कम होने बाद सिन्ड्रेला ने देखा कि सामने एक परी खड़ी हुई है. सिन्ड्रेला परी को देखकर आश्चर्यचकित रह गई.
परी सिंड्रेला के पास आई और प्यार से उससे उसकी उदासी का कारण पूछा. सिन्ड्रेला ने अपने मन की बात उसे बता दी. तब परी ने उससे पूछा, “एला! क्या तुम जलसे में जाना चाहती हो?”
“जाना तो चाहती हूँ, पर जा नहीं सकती.” सिंड्रेला ने उत्तर दिया.
“पर क्यों?” परी ने पूछा.
“क्योंकि यदि मैं इन फटे कपड़ों में वहाँ गई, तो दरबान मुझे अंदर नहीं घुसने देंगे.”
⇔आप पढ़ रहे हैं Cinderella Story In Hindi ⇔
परी ने मुस्कुराते हुए अपनी जादुई छड़ी घुमाई और अगले ही पल सिन्ड्रेला बहुत ही सुंदर पोशाक पहने खड़ी हुई थी. वह उन कपड़ों में बहुत ही सुंदर लग रही थी. इसके बाद परी ने सिन्ड्रेला से एक कद्दू लाने को कहा. उसने अपनी जादुई छड़ी से कद्दू को एक खूबसूरत बग्गी में बदल दिया. सिन्ड्रेला के चूहे दोस्त घोड़े बन गए और नन्ही चिड़िया कोचवान. अब सिन्ड्रेला जलसे में जाने के लिए तैयार थी. जाने से पहले परी ने उसे पैरों में पहनने के लिए काँच की सुंदर जूतियाँ दी और आँखों के लिए एक नकाब, ताकि कोई उसे पहचान न सके.
सिन्ड्रेला बग्गी पर बैठ गई. जाते-जाते परी ने उसे चेतावनी दी कि उसे हर हाल में रात १२ बजे के पहले वापस लौटना होगा. क्योंकि १२ बजने के बाद उसका जादू समाप्त हो जायेगा और सब कुछ पहले जैसा हो जायेगा. वह फिर से फटे-पुराने कपड़ों में आ जायेगी, बग्गी कद्दू बन जायेगा, घोड़े चूहे और कोचवान चिड़िया.
सिन्ड्रेला रात १२ बजे के पहले वापस आने का वादा कर वहाँ से चल पड़ी. जब वह जलसे में पहुँची तो सबकी नज़र उस पर ठहर गई. वह जलसे में आई लड़कियों में सबसे सुंदर थी. उसकी सौतेली माँ और बहनें भी उसे देखकर आश्चर्यचकित थीं. लेकिन नक़ाब के कारण वे सिन्ड्रेला को पहचान नहीं पाई.
राजकुमार ने जब उसे देखा, तो उससे नज़रें नहीं हटा पाया. वह उसके पास गया और उसे अपने साथ नृत्य करने के लिए आमंत्रित किया. पूरी शाम राजकुमार ने सिंड्रेला के साथ नृत्य करता रहा. उसकी दोनों बहनें और जलसे में उपस्थित अन्य लड़कियाँ उससे जलती रही. नृत्य करते हुए राजकुमार ने कई बार उससे उसका नाम पूछा, किंतु सिन्ड्रेला ने उसे कुछ नहीं बताया.
सिन्ड्रेला जलसे में आकर वह बहुत खुश थी. इतनी खुश कि वह परी की कही हुई बात भूल गई. जब घड़ी ने रात में १२ बजे का घंटा बजाया, तो उसे परी की कही बात याद आई. वह डर के मारे महल के बाहर भागी. राजकुमार भी उसके पीछे दौड़ा. वह उससे प्रेम करने लगा था और उसे विवाह का प्रस्ताव देना चाहता था. किंतु सिन्ड्रेला रुकी नहीं. जल्दी में उसके एक पांव की काँच की जूती महल के दरवाज़े पर छूट गई. जिसे राजकुमार ने उठा लिया.
घर पहुँचने पर सिन्ड्रेला अपनी पुराने कपड़ों में वापस आ गई, बग्गी फिर से कद्दू बन गया, चूहे और नन्ही चिड़िया भी अपने रूप में वापस आ गये. वापस आने के बाद सिन्ड्रेला ने परी को बहुत धन्यवाद दिया. परी उसे ढेर सारा आशीर्वाद देकर चली गई.
दिन बीतने के साथ राजकुमार सिन्ड्रेला को बहुत याद करने लगा. वह उसे ढूंढना चाहता था. इसलिए उसने पूरे राज्य में एलान करवाया कि जिस लड़की के पैर में वह कांच की जूती आ जायेगी. वह उससे ही शादी करेगा.
राज्य की सभी लड़कियां राजकुमार से शादी करना चाहती थी, इसलिए सब उस कांच की जूती को अपना बताने लगी. सभी ने उस जूती को पहनने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह किसी के भी पैर में नहीं आई.
एक दिन राजकुमार अपने सेवकों के साथ सिन्ड्रेला के घर पहुँचा. राजकुमार को अपने घर देखकर सिन्ड्रेला की सौतेली बहनें बहुत खुश हुई. वे चाहती थी कि राजकुमार उनसे विवाह कर ले. दोनों ने हर तरह से कोशिश की कि वह काँच इ जूती उनके पैरों में आ जाये, लेकिन वे इस कोशिश में सफल न हो सकी. आखिरकार राजकुमार की नज़र दरवाज़े से छुपकर झांकती हुई सिन्ड्रेला पर पड़ी और उसने उसे जूती पहनने के लिए बुलाया.
जब सिन्ड्रेला ने जूती पहनी, तो वह उसके पैरों में आ गई. यह देखकर उसकी सौतेली माँ और बहनें हैरान रह गई. सिन्ड्रेला ने दूसरी जूती भी अपने पास से निकालकर पहन ली. यह देख राजकुमार बहुत खुश हुआ. वह समझ गया कि सिन्ड्रेला वहीँ लड़की है. उसने आगे बढकर सिन्ड्रेला के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा. सिन्ड्रेला ने ख़ुशी-ख़ुशी हाँ कर दी. दोनों ने विवाह कर लिया और एक-दूसरे के साथ सुख-चैन से रहने लगे.
Friends, यदि आपको Cinderella Story In Hindi पसंद आई हो तो आप इसे Share कर सकते है. कृपया अपने comments के माध्यम से बताएं कि आपको यह कहानी कैसी लगी? नई post की जानकारी के लिए कृपया subscribe करें. धन्यवाद.
आप पढ़ रहे थे Cinderella Story In Hindi. इन Fairy Tales को भी पढ़ें :
¤ Sleeping Beauty : Fairy Tale In Hindi
¤ Beauty & The Beast : Fairy Tale In Hindi
¤ 12 Dancing Princesses : Fairy Tale In Hindi
mannu mannu
- Edit
Always good with good people####### god is great
Pooja Rathore
- Edit
गजब कहानी हैं
Caruna M. Kripa
- Edit
ये कहानियां बचपन की यादें ताज़ा कर देती है और शिक्षा भी देती है कि अच्छे के साथ अंत में अच्छा ही होता है. कमेंट के लिए थैंक्स पूजा.
md tajdar alam
- Edit
gjb story
yudhveer singh
- Edit
sir aapki padke bahut achha laga aur hame is kahani se kuchh seekhne ko mila
Caruna M. Kripa
- Edit
Thanks Yudhveer ji
Rachna
- Edit
Really great story in easy words. Thank u
Caruna M. Kripa
- Edit
Thanks Rachna ji
Niteesh sonu
- Edit
Very nice story I liked it very much.
Caruna M. Kripa
- Edit
Thanks Neetesh Ji for your nice comment.
Caruna M. Kripa
- Edit
Thanks Niteesh Ji for your nice comment.
Rahul Choudhary
- Edit
अतिसुंदर
Caruna M. Kripa
- Edit
Thanks Rahul ji for your nice comment.
Dinesh
- Edit
Nice story
Caruna M. Kripa
- Edit
Thanks Dinesh Ji for your nice comment.
Sapna
- Edit
Wao very beautiful story
Editor
- Edit
Thanks Sapna Ji for your nice comment.